स्कूल के सुने गलियारे में टंगी
गूंगी घंटी जैसी गर्मी,
छुट्टियों का तोहफा हाथ लिए
बच्चों के सांता जैसी गर्मी
भरी दुपहरी टोली बनाकर
कुचे नुक्कड़ भटकती गर्मी
जेब के अन्दर मुट्ठी में सिमटी
कंचे गिल्ली जैसी गर्मी
सूखे खेतों में दौड़ती भागती
पेड़ों पे लटकती झूलती गर्मी
गाँव की गहरी तलैया में जाकर
छलांग लगाती, भीगती गर्मी
मीठे आम सी रसीली गर्मी
कच्ची केरी सी खट्टी गर्मी
पीपल सजदे में चैन से बैठी
निम्बू शरबत पीती गर्मी
खाट पे नानी की गोद में लेटी
किस्से अफ़साने सुनाती गर्मी
आँखों से रात के तारे गिनती
बेफ़िक्री से चाँद को तकती गर्मी
उम्र बदली, मायने बदले
बदली मोहब्बत हमारी गर्मी से
पर आज अचानक लौटी है देखो
बचपन जैसी चंचल, प्यारी गर्मी
4 comments:
Mindblowing…………..
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