maximum mayhem
tussle between a self proclaimed mystic and a fate led marketeer
धूम्र
की
श्यामल
चदरिया
फलक
ने
देखो
ओढ़
ली
है
मुंबई
में
भी
धुप
ने
अब
सुस्ताने
की
तैयारियाँ
कर
ली
है
ठंडी
पवना
किसी
खबरी
के
जैसे
सबके
कानो
में
कह
रही
है
जाने
कब
झनकती
आ
जाये
बूँदें
तैयार
रहो
की
वर्षा
ऋतू
ने
अम्बर
पे
दस्तक
दे
दी
है
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